कोरोना से दम तोड़ने वाले व्यापारी की पत्नी और बहू भी COVID-19 पॉजिटिव

कोरोना से दम तोड़ने वाले व्यापारी की पत्नी और बहू भी COVID-19 पॉजिटिव


वाराणसी के बीएचयू में दम तोड़ने वाले व्यापारी की पत्नी और बहू भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। व्यापारी की मौत के बाद उसके पूरे परिवार और घर आने जाने वालों का भी सैंपल लिया गया था। मंगलवार की दोपहर बीएचयू से आई रिपोर्ट में दोनों को पॉजिटिव पाया गया। व्यापारी के मुहल्ले को पहले ही सील करके एक एक घर की स्क्रीनिंग और मिलने जुलने वालों की सैंपलिंग हो रही है। लगातार तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस काम में लगी हुई हैं। संक्रमण के दो और मामले सामने आने के साथ ही वाराणसी में संक्रमित होने वालों की संख्या नौ हो गई है। इनमें से सबसे पहले संक्रमित हुए दो युवक अब ठीक हो चुके हैं। दोनों को उनके घर भी भेजा जा चुका है। मंगलवार की सुबह आजमगढ़ में भी एक मामला सामने आया। इस तरह पूर्वांचल में यह संख्या बढ़कर 23 हो गई है।   


बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में दो अप्रैल को बुखार की शिकायत पर गंगापुर के 55 वर्षीय व्यापारी को लाया गया था। यहां स्वाब (लार) का नमूना लेकर कोरोना प्राथमिक वार्ड में भर्ती कर लिया गया। अगले दिन हालत बिगड़ने में आईसीयू में लाया गया। यहां व्यापारी ने दम तोड़ दिया। तब तक कोरोना रिपोर्ट नहीं आ सकी थी। इससे शव को सुरक्षित रखवा दिया गया। विश्वविद्यालय और अस्पताल प्रशासन ने मौत का कारण मल्टी आर्गन फेल्योर बताया। पांच अप्रैल की सुबह व्यापारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया। सबसे पहले उसके घर और आसपास की गलियों को सील करने की कवायद शुरू हुई। फोर्स भेजकर आसपास खुली दुकानों को भी बंद करा दिया गया और लोगों को अपने घरों में रहने की हिदायत दी गई। 


पूरे परिवार की सैंपलिंग करने के साथ ही उसके घर आने वाले दूधिया और व्यापारी को देखने वाले डाक्टर की भी सैंपलिंग की गई। बीएचयू से मंगलवार की शाम व्यापारी की पत्नी और बहू की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से परिवार के साथ आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। पुलिस ने फौरी तौर पर सभी को अपने घरों में ही रहने की हिदायत दी है। इलाके में अतिरिक्त फोर्स भी लगा दी गई है। मंगलवार को ही सुबह आजमगढ़ में भी एक बुजुर्ग की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। तब्लीदी जमात से जुड़े तीन लोगों के संपर्क में रहने के कारण बुजुर्ग को संक्रमण हुआ है।


वाराणसी में दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। वहीं पूर्वांचल में कोरोना पॉजिटिव 23 हो गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा नौ लोग वाराणसी में संक्रमित मिले हैं। इनमें एक की मौत हुई है। दो लोग ठीक भी हो गए हैं। गाजीपुर में पांच, आजमगढ़ में चार, जौनपुर में तीन और मिर्जापुर में दो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। वाराणसी के अलावा जौनपुर में एक युवक ठीक हो चुका है।  



व्यापारी पत्नी को शुगर, बहू को टाइफाइड
मृत व्यापारी की पत्नी को पहले से ही शुगर है। उनका इलाज चल रहा है। वहीं बहू को हाल ही में टाइफाइड हो गया था। उसका भी इलाज चल रहा था। बहू ही व्यापारी को अक्सर खाना देती थी। आशंका है कि इसी दौरान बहु कोरोना वायरस की चपेट में आ गई। हालांकि दोनों महिलाओं में कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण दोनों को आइसोलेशन वार्ड ले जाया गया है। 


16 की सैंपलिंग में 13 निगेटिव 
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृत व्यापारी के माता-पिता, दो बेटे, दो बहू, चार पोते और उनके भाई व भाभी की सैंपलिंग की थी। उनके साथ उनके दुकान पर काम करने वाले चार कर्मचारियों के भी नमूने लिए गए थे। मंगलवार को आई रिपोर्ट में दो पॉजिटिव व 13 निगेटिव मिले हैं। एक अप्राप्त है। 


डॉक्टर की क्लिनिक बंद कराई गई
कपड़ा व्यापारी 26 मार्च को पहली बार बुखार आया था। परिवार के लोग उसे लेकर मंडुवाडीह एक निजी डॉक्टर के पास 27 मार्च को गए। वहां स्थिति गड़बड़ हुई तो डॉक्टर ने उन्हें बीएचयू में रैफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद इलाज करने वाले डॉक्टर की क्लिनिक बंद करा दी गई है। डॉक्टर को होम क्वारंटीन कर दिया गया है। वहीं व्यापारी के संपर्क में आए लोग भी चिह्नित किए जा रहे हैं।  


पूर्वांचल में इस तरह बढ़ते रहे मामले


21 मार्च...वाराणसी में पहला मामला सामने आया
23 मार्च...जौनपुर में पहला-पूर्वांचल में दो
28 मार्च...वाराणसी में दूसरा-पूर्वांचल में तीन
02 अप्रैल...गाजीपुर में पहला-पूर्वांचल में चार
02 अप्रैल...जौनपुर में दो मामले-पूर्वांचल में छह
03 अप्रैल...वाराणसी में तीन मामले-पूर्वांचल में नौ
03 अप्रैल...आजमगढ़ में तीन मामले-पूर्वांचल में 12
04 अप्रैल...गाजीपुर में चार मामले-पूर्वांचल में 16
04 अप्रैल...मिर्जापुर में दो मामले-पूर्वांचल में 18
05 अप्रैल...वाराणसी में दो मामले-पूर्वांचल में 20
07 अप्रैल...आजमगढ़ में एक मामला-पूर्वांचल में 21
07 अप्रैल...वाराणसी में दो मामले-पूर्वांचल में 23


Exclusive : केंद्रीय व जवाहर विद्यालयों में इस सत्र से 27% ओबीसी कोटा

Exclusive : केंद्रीय व जवाहर विद्यालयों में इस सत्र से 27% ओबीसी कोटा


केंद्रीय विद्यालय संगठन के देश-विदेश में संचालित 1200 से अधिक विद्यालयों एवं लगभग 600 जवाहर नवोदय विद्यालयों में इस सत्र से 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा लागू होगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में पिछले साल दिसंबर में निर्णय लिया था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दोनों विद्यालय समूहों के अधिकारियों को 30 मार्च को पत्र भेजकर प्रवेश संबंधी नये नियमों को प्रभावी करने को कहा है।


ओबीसी आरक्षण सिर्फ पहली कक्षा में होने वाले प्रवेश पर लागू होगा। एक सेक्शन में 40 बच्चों का प्रवेश होता है। इसमें से 27 प्रतिशत या 11 सीटों पर ओबीसी, 15 प्रतिशत या 6 सीटों पर अनुसूचित जाति, 7.5 प्रतिशत या 3 सीटों पर अनुसूचित जनजाति और 25 प्रतिशत या 10 सीटों पर गरीब एवं वंचित वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा।


सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग समेत कई संगठनों ने एचआरडी मंत्रालय से केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालय में ओबीसी आरक्षण लागू करने का अनुरोध किया था। इसे गंभीरता से लेते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ओबीसी छात्र-छात्राओं के लिए 27 फीसदी सीट आरक्षित करने का फैसला किया है।


अब तक दोनों विद्यालयों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) वर्ग के छात्र-छात्राओं को आरक्षण मिलता था पर 2020-21 सत्र से ओबीसी वर्ग के बच्चों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। जवाहर नवोदय विद्यालय में एससी/एसटी के लिए आरक्षण की व्यवस्था उस जिले में उनकी जनसंख्या के अनुपात के बराबर होगी।


केंद्रीय विद्यालय संगठन वाराणसी रीजन के सहायक आयुक्त वी. शिवाजी ने बताया कि एमएचआरडी के निर्देश पर तैयार नई प्रवेश नीति के आधार पर 2020-21 सत्र में दाखिला होगा।


यूपी : कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो रहा महामारी एक्ट

यूपी : कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर साबित हो रहा महामारी एक्ट











कोरोना महामारी फैलने पर आजादी के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस ने एपेडमिक डिजीज एक्ट का इस्तेमाल किया है। पहला मुकदमा लखनऊ में सिंगर कनिका कपूर पर दर्ज किए जाने के बाद पूरे यूपी में अब तक हजारों मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। महामारी को काबू करने के लिए 100 साल से ज्यादा पुराना यह कानून आज भी कारगर साबित हो रहा है।


1897 में अंग्रेजों ने मुंबई में फैले ब्यूबानिक प्लेग पर काबू पाने के लिए इस एक्ट को बनाया था। इसके बाद देश में 1987 में एक बार और कुछ जगहों पर एपेडमिक डिजीज एक्ट के नाम से चर्चा में आया है। प्रदेश सरकार अब इसमें और संशोधन करने जा रही है। जिसमें ज्यादा सजा और कड़े जुर्माने का प्रावधान होगा।


21 दिन के लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर इस एक्ट में भी कार्रवाई हो रही है। पूरे प्रदेश में अबतक लॉकडाउन और महामारी एक्ट में 10,803 मुकदमे दर्ज हुए हैं। लखनऊ में कुल 377 मुकदमे मंगलवार को दर्ज किए गए इनमें 27 मुकदमे महामारी एक्ट की धाराओं में हैं। बरेली में 15 दिन में 162 मुकदमे दर्ज किये हैं।


क्या है कानून
महामारी रोग अधिनियम, 1897 के अन्तर्गत मिली शक्तियों से सरकारें नियमावली बना सकती हैं, यात्रा पर रोक लगा सकती हैं, लोगों को जांच, उपचार और प्रवास के लिए बाध्य कर सकती है। उल्लंघन पर जुर्माना या आईपीसी 1860 की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध मानकर कार्रवाई होगी। इस कार्रवाई के खिलाफ वाद दाखिल नहीं हो सकता।


इससे पहले यहां लागू हुआ



  • 2009 में पुणे में स्वाइन फ्लू को नियंत्रित करने के लिए इस कानून को लागू किया गया था।

  • 2015 में चंडीगढ़ में डेंगू और मलेरिया पर काबू पाने के लिए इस कानून का उपयोग हुआ था।

  • 2018 में गुजरात के एक गांव में फैले हैजा की रोकथाम के लिए इस कानून को लागू किया गया था।

  • 2020 में कोरोना से फैली महामारी के बीच लॉकडाउन के उल्लंघन में यह कानून लागू है।


लॉकडाउन के उल्लंघन पर आईपीसी 188 और महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। मेरठ रेंज में बड़ी संख्या में मुकदमे और गिरफ्तारियां हुई हैं। - प्रवीण कुमार, आईजी, मेरठ रेंज


इन में लागू होती है आईपीसी की धारा 270
किसी जानलेवा बीमारी, महामारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या फिर नुकसानदायक काम, जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। आरोपी ने अगर जानबूझकर महामारी को फैलाने के लिए कदम उठाया हो। इसमें छह महीने की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।


इन अपराधों में लगती है धारा 269
किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैर जिम्मेदाराना काम। इससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। इस धारा के तहत अपराधी को छह महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।


क्या हैं आईपीसी की धारा 269 और 270
आईपीसी की धारा 269 और 270 में स्वास्थ्य, सुविधा, सुरक्षा, शालीनता और नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराधों का जिक्र किया गया है। महामारी एक्ट लागू होने के बाद इन्हीं धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है।














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यूपी : कोरोना के 31 नए केस आए सामने, मरीजों का आंकड़ा 348 पहुंचा

यूपी : कोरोना के 31 नए केस आए सामने, मरीजों का आंकड़ा 348 पहुंचा


उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को 31 और नए मरीज मिले। इसमें 17 तबलीगी जमात के हैं। वही प्रदेश में अब तक 348 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। इसमें अकेले तबलीगी जमात के 193 लोग शामिल हैं।


दूसरी ओर 364 संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वही छह मरीज स्वस्थ घोषित किए गए इनमें लखनऊ के चार और नोएडा के दो लोग शामिल हैं। अब तक पूरे प्रदेश में 27 मरीज स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। नए मरीजों में आगरा के 10, लखनऊ-वाराणसी  के दो-दो मरीज हैं। इसमें एक भी जमाती नहीं है। उधर, बस्ती में तीन, बुलंदशहर में तीन ,मेरठ में दो ,फिरोजाबाद में तीन, मैनपुरी में तीन, बागपत में एक, आजमगढ़ में एक व सहारनपुर में एक मरीज मिला और यह सभी तबलीगी जमात से यूपी लौटे थे।


नोएडा और आगरा में 50 से ज्यादा कोरोना के मरीज
आज के 13 नए मरीजों को मिलाकर आगरा में 63 कोरोना पॉजिटिव मरीज हो गए है। इसके अलावा नोएडा में 58 ; मेरठ में 35; लखनऊ में 24; गाजियाबाद में 23; शामली में 17; सहारनपुर में 14;  बस्ती में 11;  कानपुर, बुलंदशहर और सीतापुर में 8-8; फिरोजाबाद और वाराणसी में 7-7; बरेली और महाराजगंज में 6-6; गाजीपुर में 5; लखीमपुरखीरी, आजमगढ़ और हाथरस में 4-4; जौनपुर, हापुड़, बागपत और प्रतापगढ़ में 3-3;  पीलीभीत, मिर्जापुर, मथुरा, बांदा और मुरादाबाद में 2-2; औरैया, रायबरेली, बाराबंकी, प्रयागराज, बिजनौर, शाहजहांपुर, बदायूं, हरदोई और कौशांबी में 1-1 मरीज हैं। अभी तक 27 मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। इसमें आगरा के आठ, नोएडा के 10, लखनऊ के पांच , गाजियाबाद के तीन और कानपुर का एक मरीज शामिल है।


6217 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 144 की रिपोर्ट इंतजार
यूपी में अभी तक 6693 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं और इसमें से 6217 की रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी इनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया। वहीं 144 मरीजों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।


UP Board 10th 12th result 2020: यूपी बोर्ड रिजल्ट का अलर्ट पाने के यहां करें रजिस्ट्रेशन

UP Board 10th 12th result 2020: यूपी बोर्ड रिजल्ट का अलर्ट पाने के यहां करें रजिस्ट्रेशन


UP Board 10th 12th result 2020: यूपी बोर्ड 10वीं (हाईस्कूल) और यूपी बोर्ड 12वीं (इंटरमीडिएट) के छात्रों को अपने रिजल्ट का इंतजार है। दोनों कक्षाओं के पेपर मार्च के पहले सप्ताह तक खत्म हो गए थे। मूल्यांकन का काम चल रहा है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने और लॉकडाउन के चलते इसमें बाधा आई है। पिछले साल यूपी बोर्ड 10वीं 12वीं रिजल्ट अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जारी कर दिया गया था। इस बार 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा में पंजीकृत 56 से ज्यादा छात्र-छात्रा पंजीकृत थे। 4.5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने परीक्षा छोड़ दी। करीब 3.5 करोड़ कॉपियां जांची जानी है। इस बार यूपी बोर्ड की कॉपियां पहली बार सीसीटीवी और वॉइस रिकॉर्डर की निगरानी में जांची जा रही है। 


छात्रों की सहूलियत के लिए लाइव हिन्दुस्तान वेबसाइट www.livehindustan.com भी रिजल्ट उपलब्ध करवा रही है। रिजल्ट आने पर स्टूडेंट्स livehindustan.com पर अपना रिजल्ट चेक कर सकेंगे। अगर आप चाहते हैं कि रिजल्ट आते ही आपके मोबाइल पर SMS या अलर्ट आए तो इसके लिए आपको नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर रजिस्ट्रेशन करवा सकेत हैं। 


UP Board 10th 12th result 2020 का अलर्ट पाने के लिए कराएं रजिस्ट्रेशन, क्लिक करें


जानिए कैसे आप www.livehindustan.com की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।  
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- उसके बाद वहां होमपेज पर दिख रहे बोर्ड रिजल्ट के सेक्शन पर क्लिक करें। 
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- अब हाईस्कूल के विद्यार्थी 'यूपी बोर्ड हाईस्कूल रिजल्ट 2020' के लिंक पर क्लिक करें और इंटरमीडिएट के विद्यार्थी 'इंटरमीडिएट रिजल्ट 2020' के लिंक पर क्लिक करें। 
- रिजल्ट का पेज खुलने पर अपना नाम, ई-मेल, मोबाइल नंबर, क्लास की डिटेल्स डालकर सब्मिट करें। इससे आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा। 
- इसके बाद रिजल्ट घोषित होते ही आपके मोबाइल पर अलर्ट आएगा जिस पर क्लिक करते ही रिजल्ट विंडो खुल जाएगी। उस पर आप अपना रोल नंबर डालकर रिजल्ट देख सकेंगे।


जानें पिछले वर्ष कैसा रहा था रिजल्ट
पिछले वर्ष यूपी बोर्ड 10वीं (हाईस्कूल) में 80.07 प्रतिशत विद्यार्थी और यूपी बोर्ड 12वीं (इंटर) में 70.06 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए थे। हाईस्कूल व इंटर दोनों में ही लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा था। यूपी बोर्ड हाईस्कूल में 83.98% लड़कियां और 76.66% लड़के पास हुए थे। जबकि इंटर में 76.46% लड़कियां और 64.40% लड़के पास हुए थे। हाईस्कूल में बागपत बड़ौत के श्री राम एसएम इंटर कॉलेज की छात्रा तनु तोमर ने 500 में से 489 अंक हासिल कर टॉप किया था जबकि इंटर में कानपुर के ओम्कारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज के छात्र गौतम रधुवंशी ने 600 में से 583 अंक हासिल कर टॉप किया था।


लॉकडाउन: सैकड़ों किलोमीटर दूर पूर्वांचल के जिलों के लिए पैदल ही चल पड़े हैं युवा

लॉकडाउन: सैकड़ों किलोमीटर दूर पूर्वांचल के जिलों के लिए पैदल ही चल पड़े हैं युवा


अचानक हुए लॉकडाउन ने उन लोगों के लिए समस्या खड़ी कर दी है जो अपने घर से दूर दूसरे शहरों में रहते हैं। कोई पढ़ाई कर रहा था तो कोई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगा था। काफी लोग नौकरी के लिए भी दूसरे शहरों में हैं। लॉकडाउन होने से स्कूल कालेज बंद हो गए। काफी लोगों की कंपनियां और फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं। ऐसे में घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। इससे पहले कि लौटने की तैयारी करते रेल और बस भी बंद कर दी गई। इससे लोग जहां थे वहीं पर फंस गए हैं। होटल ढाबे तक बंद होने से दोनों टाइम पेट भरने की भी बड़ी समस्या सामने आ गई है। 


पूर्वांचल के जिलों वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही चंदौली से भी हजारों लोग प्रयागराज और प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नौकरी करने या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने गए थे। अब जेब से पैसे भी खत्म होने लगे तो पैदल ही लौटना शुरू कर दिया है। प्रयागराज से बलिया की दूरी करीब तीन सौ किलोमीटर है। लखनऊ से वाराणसी और सोनभद्र की दूरी भी तीन से चार सौ किलोमीटर है। इसके बाद भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और नौकरियां करने वाले कर्मचारी पैदल ही निकल गए हैं। कई लोगों के साथ उनका परिवार भी है। पत्नी और बच्चों को लेकर कई कई किलोमीटर चलते हैं फिर कुछ देर आराम करते हैं और फिर चल देते हैं। गुरुवार को हाइवे से गुजर रहे ऐसी काफी लोग दिखे। रोककर पूछा तो जवाब था.. साहब, हम लोगन मजदूरा ठहरे..अब कउनो साधन त हौ नाही कि पकड़ के गांवे चल जाई.. अब पेट के आगे दूरी नाहीं दिखात हव.. घरे पहुंच जाई बस.. ..।


रोहनियां संवाददाता के मुताबिक अमरा-अखरी के पास पैदल जा रहे युवाओं को रोककर बात की। बलिया-मऊ के रहने वाले रमेश कुमार व अनंत पांडेय कानपुर में निजी कंपनी में काम करते हैं। पिछले कई दिनों से कंपनी के बंद होने से परेशान दोनों युवक अन्य साथियों के साथ मालगाड़ी में छिपकर चुनार के डगमगपुर स्टेशन पहुंचे। यहां से पैदल चुनार, अदलपुरा, बनारस से मऊ व बलिया के लिए रवाना हुए। दोनों ने बताया कि रास्ते में दुकानें बंद हैं। लिहाजा आसपास के लोगों से गुड़-पानी पीकर रास्ता तय किए हैं। पैदल चलते दोनों काफी थक गए थे। लिहाजा सड़क किनारे रहने वाले के बरामदे में कुछ देर आराम किया और फिर मंजिल की ओर बढ़ गए। इसी तरह सुल्तानपुर के श्यामसुंदर भी अपने परिवार के साथ पैदल निकल गए। चांदपुर स्थित एक कंपनी में काम करने वाले सोनभद्र के आधा दर्जन युवा सुबह झोला उठाकर अपने घर को पैदल चल दिए। दानगंज संवाददाता के मुताबिक आजमगढ़ के किशन, राजू व नवीन पैदल ही अपने घरों के लिए बनारस से रवाना हुए।


पहड़िया से भदोही को पैदल निकले युवक
शॉपिंग मॉल और दुकानों में ताला लगने के बाद गुरुवार को कई युवक वाराणसी से ज्ञानपुर के लिए पैदल ही निकले। जिनसे पुलिसकर्मियों ने भी पूछताछ की। कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर कई शॉपिंग मॉल और दुकानें बंद हो गईं हैं। यहां काम कर रहे लोगों को भी कार्य स्थल पर आने की मनाही हो गई है। ऐसे में किराये के कमरों में रह रहे आसपास के जिलों के कर्मचारियों के सामने मुश्किल खड़ी हो गयी है। गुरुवार को भदोही निवासी तीन युवक अमित पांडेय, सूरज दुबे और अरविंद यादव पैदल ही घर के लिए पहड़िया से निकले। चौकाघाट पुल पर पहुंचे थे। पूछने पर बताया कि पहड़िया स्थित वी मार्ट में काम करते हैं। लॉक डाउन के बाद दुकान पर ताला पड़ा है। ऐसे में खाने की समस्या हो गई है। इस कारण घर जाने के लिए निकले हैं। बताया कि तिराहे और चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी पूछताछ कर रहे हैं। वाहन नहीं चलने के कारण घर तक पैदल ही जा रहे हैं।


लॉकडाउन में बेबसी का उठा रहे फायदा, रेट तय फिर भी हो रही मुनाफाखोरी

लॉकडाउन में बेबसी का उठा रहे फायदा, रेट तय फिर भी हो रही मुनाफाखोरी











कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन में जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर प्रशासन लगाम नहीं लगा पा रहा है। जिला प्रशासन लाख दावे करे, लेकिन गुरुवार को भी आम लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया गया और जरूरी वस्तुओं के मनमाने दाम वसूले गए। यह स्थिति तब है जब बुधवार को ही 21 आवश्यक वस्तुओं के दाम तय कर दिए गए थे। लेकिन आपूर्ति विभाग की हीलाहवाली के कारण इसका लाभ आम उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा। 


चावल, आटा, आलू, टमाटर, चीनी, अरहर दाल, सरसों तेल के लिए डेढ़ से दोगुनी कीमतें वसूली गईं। लंका पर पांच किलो आटा 193 रुपये तक बिका, वहीं चावल 80 से 90 रुपये किलोग्राम बेचा गया, जबकि मोटा चावल 27 रुपये तय किया गया है। लेकिन दुकानों पर बासमती के नाम पर कम गुणवत्ता वाले चावल भी ऊंचे दामों पर बेचे गए। अस्सी में 35 रुपये, शिवाला में 40 रुपये, प्रह्लादघाट में 45 रुपये प्रति किलोग्राम आटा बिका, जबकि सरकारी मूल्य सूची में एक किलोग्राम आटा की कीमत 26 रुपये तय की गई है।


कबीरचौरा में 60 रुपये प्रति किलोग्राम टमाटर, 40 रुपये पाव हरी मिर्च, लहुराबीर पर 35 और 40 रुपये किलो आलू बिका। सरसों तेल का दाम भी 115 रुपये प्रति लीटर तय है, लेकिन दुकानों पर एमआरपी से भी ज्यादा कीमत वसूली गई और 140 रुपये लीटर तक तेल बिका। खुले में सरसों के तेल का दाम भी मनमाना वसूला गया।
लंका निवासी शुभलक्ष्मी ने बताया कि दुकानों पर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। चावल, आटा, दाल सभी के दाम बढ़ा दिए गए हैं।  सामनेघाट निवासी एडवोकेट राधेश्याम यादव ने बताया कि इस कठिन परिस्थिति में भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बाजार में जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ा दिए गए हैं।


प्रह्लादघाट निवासी आनंद अग्रवाल और रानीपुर निवासी भारतेंदु सिंह ने कहा कि 150 रुपये किलोग्राम हरी मिर्च, 35 से 40 रुपये किलोग्राम आटा, 60 रुपये किलोग्राम टमाटर बिक रहा है। एडीएम सप्लाई नलिनीकांत सिंह ने बताया कि गुरुवार को भी कालाबाजारी की शिकायतें आई हैं। दुकानदारों की सूची तैयार करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को तय मूल्य सूची का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। 


मास्क पर खूब कमा रहे मुनाफा
देशभर में मास्क के दाम तय होने के बावजूद दवा दुकानदार इसे महंगे में बेच रहे हैं। भोजूबीर-बसहीं इलाके में कुछ लोगों ने रेड़ी पर मास्क बेचना शुरू कर दिया है। गुरुवार को जिन मास्क की कीमतें पांच से 10 रुपये तय की गई हैं, उसके लिए 40 से 50 रुपये तक वसूला जा रहा है। हालांकि एन-95 मास्क तो इन दुकानों पर है ही नहीं।














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